Title | Category | Gajal |
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तुम्हारे लिये | अन्य | किसि पागल कवि कि कल्पना हो तुम खुद को भुल जाउँ वो नशा हो तुम, अब होश मे ना आयें तो बेहतर होगा, सपना हि सहि अपना हो तुम..... |
Title | Category | Gajal |
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तुम्हारे लिये | अन्य | किसि पागल कवि कि कल्पना हो तुम खुद को भुल जाउँ वो नशा हो तुम, अब होश मे ना आयें तो बेहतर होगा, सपना हि सहि अपना हो तुम..... |