Pankaj Kumar Yadav

गजल


गजल

अहीँके पएबाक आसमे
मन उडै छल हमर आकासमे

समयक हावा एहन चललै
हेरागेल नेह हमर बतासमे

घुरि नहि एलौं एखन्धरि
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे

अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि
शरीर बदलि गेल अछि लासमे

जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे

@पंकज_ कुमार _यादव
शहिदनगर नगरपालिका-9
गोठकोयल्पुर(धनुषा)नेपाल
हाल-दोहा कतार

#माया / प्रेम