Title | Category | Gajal |
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सपना देख्छ प्रदेशी ले | अन्य | हिजोराती सपनी मा जेलपडे को देखे प्रदेसी यो भुमि मा नेलपडे को देखे सोदेस छोडि प्रदेशको पिडा यस्तै हो हजुर आज भोलि मेरोदेस मा भेल बडेको देखे आफ्नो देस्मा उन्नती सबैले चाहान्छन धनगढी देइ धरान सम्म रेल चडेको देखे बिनोद साही दैलेख लाइचौर हाल कर्म भुमी देस बाट साभार |