Pankaj Kumar Yadav
प्रेम
गजल
अहीँके पएबाक आसमे
मन उडै छल हमर आकासमे
समयक हावा एहन चललै
हेरागेल नेह हमर बतासमे
घुरि नहि एलौं एखन्धरि
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे
अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि
शरीर बदलि गेल अछि लासमे
जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे
@पंकज_कुमार_ यादव
शहिदनगर नगरपालिका
हाल:-दोहा/कतार