गुलाबकाे फुल अाज अाेईलियर झर्याे सायद चाेखाे मनकाे माया अाज,अन्त कतै सर्याे सायद चन्द्र जस्ताे मुहार उन्काे भुल्न कहाँ सक्छुर म देख्न पनि गाह्राे उनलाई,दुख कष्ट पर्याे सायद
#अन्य