Rajesh Kumar Yadav
स्वप्न में
स्वप्न में वक्त ने वो दिखा डाला
स्वप्न की यात्रा ने कितना थका डाला
उसने अंग प्रत्यग को हिला डाला
स्वप्न में फिर से एक तीली ने दिया जला डाला
मिले ख्वाब में तो दीवाना बना डाला
स्वप्न में हकीकत करके दिखा डाला
स्वप्न में आंख डबडबा गई
उसने इतना हंसा डाला
राजेश कुमार यादव