Rajesh Kumar Yadav
इति इंगित करना ठीक नहीं है
इति इंगित करना ठीक नहीं
छुप-छुपकर यूं रोज इशारे करना ठीक नहीं
दीप जलाना दीप बुझाना ठीक नहीं
रोज हथेली पे लिख लिखकर नाम मिटाना ठीक नहीं
मौन भाषा हृदय कि क्या उन्हें समझाएं
जो समझे नयंन का इशारा नहीं
खुद समझाना ठीक नहीं
जब हम पढ़ते थे याद आता था तेरा फूल सा चेहरा
अब और बताना ठीक नहीं
नजरों में आवारा हूं यूं गलियों में आना जाना ठीक नहीं
तेरे मासूम चेहरे की मासूमियत में
ना जाने कितने भटक गये
अब और बताना ठीक नहीं
मैं बैठा हूं मयखाने में अब दर्द बताना ठीक नहीं
राजेश कुमार यादव