Rajesh Kumar Yadav
मैं फ़िदा हूं
अब है अंधेरा ही अंधेरा कौन कहेगा
देखो ये क्या यह किसकी रोशनी
कौन कहेगा
चर्चाएं है जिस अदा की उसे
सादगी ताजगी कौन कहेगा
मैं फिदा हूं जिस अदा पर उसे
शांति की खुशबू कौन कहेगा
अब तारीफ करे जमाना
दुश्मन भी हो फिदा
आपसे ऐसी दोस्ती हो
दोस्ती की भी बंन्दगी हो कौन करेगा
दोस्ती के पीछे जमाना हो
दोस्ती से पुरानी दुश्मनी हो
आदमी फिर बने आदमी
प्रेम का देवता हो कौन बनेगा
राजेश कुमार यादव
१९/२/२०१६