Raj Aryan
तुम्हारे लिये
किसि पागल कवि कि कल्पना हो तुम
खुद को भुल जाउँ वो नशा हो तुम,
अब होश मे ना आयें तो बेहतर होगा,
सपना हि सहि अपना हो तुम.....
किसि पागल कवि कि कल्पना हो तुम
खुद को भुल जाउँ वो नशा हो तुम,
अब होश मे ना आयें तो बेहतर होगा,
सपना हि सहि अपना हो तुम.....