यु आकर के रुकी चेहरे गोरी के ओठ लाली पर कैइ पंछी यहाँ बैठे हो जैसे एक डाली पर कोई वादा नही करती मगर दावा ए करती हु लिटाकर रंग लगाउङ्गी उसी के लाल सारी पर @पँकज कुमार यादब
#अन्य