Mahesh Chauhan Chiklana
प्रेम में
मैं हूँ उन चंद खुशनसीबों में से एक
कि जिन्हें,
प्रेम में,
मिले हैं प्रेम पत्र |
मैं हूँ खुशनसीब
कि मुझे
प्रेम में,
लड़की ने दी है अँगूठी गिफ्ट |
प्रेम में,
लड़की ने मुझपे किये हैं अजीबोगरीब इशारें ;
कि जिन्हें याद कर गुदगुदाता हूँ मैं |
और कहने में कतराता हूँ |
प्रेम में,
वो बनाकर बहाने
आती रहती थी घर के बाहर;
सिर्फ और सिर्फ मुझे देखने |
हाँ हूँ मैं खुशनसीब कि -
प्रेम में,
लड़की ने मेंहन्दी से अपनी हथेली पर
लिखा था मेरा नाम |
हाँ, वही नाम
जो,
कुदरत ने नहीं लिखा था;
उसके नसीब में |
हाँ हूँ मैं फिर भी खुशनसीब
कि -
हर एक लड़के को तो नहीं होती नसीब |
प्रेम के लिए एक लड़की भी |
- महेश चौहान चिकलाना