TekeNdra KshEtri

सम्झना


(1).सम्झना मा उर्लिएका यो मनका कति झर्छन ई अाशु
बेर्थैई सजाय यो मुटुमा तिम्रो माया म कसरी बाचु ।।
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Tekendra kshetri

ghar mero: barchhain doti (Nepal)
हाल पन्जाब

#अन्य