#कता अहाँके रुप देख पृया मुहक आबाज हरागेल कहिँ नै सकलौ हमर ठोर हिल क ठरागेल रहिगेल खाली मोनक कागज जे सँंग रहे हम लिख चाहली किछु प्रेम मुदा हाथ घरागेल, @पँकज कुमार यादब
#अन्य