सपना मे अहाँ के हम दिन राईत देखैछी, निन्द नै होईअ भैर राईत टक टक तकैछी, नै बिसरै छी ओ पल स्कुलमे सँगे पढैत रही, अबै छी घर आब भेटब अहाँसँ सएह बात सोचैछी! @पँकज कुमार यादब
#अन्य