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Gajal |
सँयुक्त |
अन्य |
।।गजल।।
पँकज_कुमार_यादब
शहिदनगर नगरपालिका-९(गोठकोयल्पुर).
१.अपने देशमे गरीब भुख सँ मरि रहल्छै!
बेरोजगार युवा मरूभुमीमे जरि रहल्छै!!
देशक नियम कानुन केहन छै से कि कहु!
बलत्कार भेल एक्गो बेटिक लास सैँर रहल्छै!!
देश स्वतन्त्र भगेल से हल्ला मात्रे सुनैत छी!
एहिठाम नेताक आँखिमे जन्ता गरि रहल्छै!!
कतेक जन्ता आन्दोलन कयलक सडक पर
मुदा अपने सरकार जन्ताक घररि रहल्छै!!l
केकरा उपर बिशवास करू भोट लेलक चुनिक!
सभ भोट जम्मा कऽ अपने घर भरि रहल्छै!!
२.कोरोना मे शहर सँ गेलै गाम जानू!
ओकरा बिनु सुनसान अहि ठाम जानू!!
याद ओ पल के अबैत हेतै ओकरा!
जपैत हेतै सदिखन हमर नाम जानू!!
कोना रहैत हेतै असगर हमरा विनु!
पिबैत हेतै हमर याद मे जाम जानू!!
छौरा अगती सभ लाईग परल हेतै!
भगबैत हेतै ओकरा दाहिन-बाम जानू!!
एतै कहिया हमर ईन्तजारमे ओत!
खाइत हेतै शुवह शाम बदाम जानू!!
३.हम जोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!
हम रोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
अहीँक प्रेममे डुबल रहि राईत दिन!
हम भोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
अहीँक खुसीक लेल बेच देलि यै खेत!
हम योगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
मधुर होट्क लल्का जे लाली रहे !
हम लोभी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
लेकिन खुसी लगैय एगो बात के !
हम सहयोगी भऽ गेली अहीँक कारण स!!
४.धुम धाम सँ बाजा बजाक आईब प्रीया,
बरियाती सङ्ग नटुवा नचाक आईब प्रीया,
गरिब छी तै बात के कोनो चिन्ता नै करु,
सौसे देह गहना लगाक आईब प्रीया,
कनि और ईन्तजार करु हमर प्रीया,
सुहार राईत के घर सजाक आईब प्रीया,
आब हमरा सँ कोनो गल्ती नै हेत प्रीया,
कैल्हा गल्ती सब के बिसराक आईब प्रीया,
अदि एते कहलो पर बात नै मानव प्रीया,
त जबर जस्ती भगाक ल जाईब प्रीया!
५.अहीँके पएबाक आसमे!
मन उडै छल हमर आकासमे!!
समयक हावा एहन चललै !
हेरागेल नेह हमर बतासमे!!
घुरि नहि एलौं एखन्धरि!
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे!!
अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि!
शरीर बदलि गेल अछि लासमे!!
जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके!
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे!! |
राजनिति |
अन्य |
कोई मधेशी कहता है कोई धोती समझता है।
कोई ईस देशकी धरतीको बपौटी समझता है।।
ए मेरे देश कि फिरँगी,कान खोल सुन्लो तुम्ने।
ए देश हमरा था ए मधेश हमारा है।। |
राजनिति |
धोका |
#कता___
✍️पँकज_मधेशी
जब तक तुम बिकाते रहेगें।
तब तक तुम लुटाते रहेगें।।
जायो तुम अडा-अदालत मे।
कुते भी आख दिखाते रहेगें।।
ईसिलिए मेरे प्यारे दोस्तो...
दारु मांश पर मत बिकाउ।
जनमत पार्टी के जिताउ।।
जन-सम्प्रभुता एहसास हो।
कुते से आँख मत लडाउ।। |
धनुषा धाम |
माया / प्रेम |
।।गजल।।
✍️पँकज_कुमार_यादब
साझक चौपाईरक शाखा शुरु धनुषा धाम प!
आब गजल लिखेतै मात्र पियत्माक नाम प!!
प्रिय् मित्र लोकनी हाजिर साहित्यिक दलान मे!
हम ताकै गेल छलीह रजाक सर के गाम प!!
आब गजल लिखेतै मात्र पियत्माक नाम प!!
ग्रेन्डमलक कवि जमघट बहुत आद आबए!
सोचैत रहैछी जा कमला नदीक बानह प!!
आब गजल लिखेतै मात्र पियत्माक नाम प!!
अगिला चौपाईर मे दिनेश जी नै पछुएबै!
नै त हम पुईग जाईब अपने के दोकान प!!
आब गजल लिखेतै मात्र पियत्माक नाम प!!
प्रिया कऽ घुमायब माघक मकर मेला !
ध्यान दिने रहिह जानू अपना समान प!!
आब गजल लिखेतै मात्र पियत्माक नाम प!! |
रचना |
माया / प्रेम |
#रचना#
✍️पँकज कुमार यादव
लैला कऽ दिल लऽकऽ मजनु कोना भाईग गेलै!
सुतल रहै समाज आब समुच्चा जाईग गेलै!!
बेर बेर पुछैत छलै ओकरे सँग हम बिबाह करब!
हुन्कर पापा तामस सऽ कहै हम जहर खाकऽ मरब!!
जखन उईर गेलीह ओ दुनुटा बैन कऽ मजनु /लैला!
आब परिबार दुआ करैत अछी सलामत रहे हमर छैला!!
लैला कऽ बाबू जी दरखास पेस कैल्कै जा कऽ थानामे!
आब हुन्कर दुनुक जोरी अमर रहतै ईतिहासके पानामे!!
घर सँ बाहर बहुत दुर ओ दुनु बहुत खुसी सँ रहैत हेतै!
सबटा दु:ख सुख एक दोसर सँगे बाईट ओ सहैत हेतै!!
हुन्का सभक चिन्ता जुनि करियौ यहाँ सब परिबार!
ओ सब मिटएबा मे लागल छै समाजक अत्याचार!!
अपना सभक समाजमे दहेज दऽकऽ बिबाह करैत छैक!
किछु दहेजक कमी कऽ कारने सँ बेटीक चाँप परैत छैक!!
आगि दहेजक देखियौ अपना समाजमे कोना पजैर रहल छै!
आ एहि आगिमे सबठाँ सबहक बेटी तरैप कऽ जरि रहल छै!!
बेटी होईत अछि जगके तारा और नीर गगनमे चमकैत अछी!
जाही परिबारमे बेटी अछी वो फुल स बेसी गमकैत अछि!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
दहेज लऽ भेलै बिबाह ओ बेटी आईगमे जैर गेलै!
हम प्रेम बिबाह केलौ कि समाजक ईजत सैर गेलै!!
आनहर हब अपन समाज अपन केकरो काबुमे नै!
फुटल डोल बनि पिट कहैअ फल्नाके बेटी उर हैर गेलै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
कहादुन ओ दुनु भाईग गेलैअ!
नै जानि ओ सब कोन सपना साईज गेलैअ!!
उमेर सँ छलै ओ मात्र चौदऽ बरख के !
कोना ओकरा जबानीमे आईग लाईग गेलैअ!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
ई हाबाबिहाईर कि करतै से कोई नै जानै छै!
देख करतुत हिन्क लोक सब बहुत कानै छै!!
बेर-बेर आईब लोकक त्रास बढा दैत छैक ई!
लोक करै लाख गोहरिया तैयो ई नै मानै छै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
जहिया सँ हमरा जिन्दगीमे वो आयल छै!
ओकरे दर्द सँ भरल दिल हमर घायल छै!!
अबै नै चैन हमरा दिन और नै राईत्मे!
रोज सपनामे खनकाबै वो पाअल छै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
भागिक ओ बंस मे दाग लगा देलकै!
बाबू माईके बहुत बढका सजा देलकै!!
भा ग' सऽ पहिने सभ अपन लगैत छलै!
आब ओ त रिस्तेदारो केर दुर भगा देलकै!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
हमरा सँग दिल अहाँ लगाउन!
धङकनके आबाज अपन सुनाउन!!
प्रेमी छी अही केर हम प्रिय् !
बनि दुल्हिन हमरा घरमे आउन!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
बात नै क र चाहै छै ओकरा बोर लगै छै!
आन भेलै अपन आ जन्मदाता चोर लगै छै!!
अपने भुखले रैह क ओकर भुख मेटेलकै!
ओ माई बाप आई ओकरा कठोर लगै छै!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
रिमझिम बरसैअ पानी बहुत याद अबैअ!
नित दिन भिजैअ ओहो से समाद अबैअ!!
भिजल पानीमे मोन सँ धान रोपैत हेतै!
ओहो, राति सपनामे ओकर आवाज अबैए!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
हे प्रभु ई तो कि केलहो!
सबके केहन सजाय देलहो!!
सब मरैछै बाढिक पलार सँ सगरो!
कोना क एहन कठोर भेलहो!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
दहेज लेनाई भिख भऽ गेलै!
भाईग गेलै से निक भऽ गेलै!!
एकदोसर सँ बहुत प्रेम करै छलै!
समाजमे ई बात लिक भऽ गेलै!! |
रचना |
अन्य |
#रचना#
✍️पँकज कुमार यादव
लैला कऽ दिल लऽकऽ मजनु कोना भाईग गेलै!
सुतल रहै समाज आब समुच्चा जाईग गेलै!!
बेर बेर पुछैत छलै ओकरे सँग हम बिबाह करब!
हुन्कर पापा तामस सऽ कहै हम जहर खाकऽ मरब!!
जखन उईर गेलीह ओ दुनुटा बैन कऽ मजनु /लैला!
आब परिबार दुआ करैत अछी सलामत रहे हमर छैला!!
लैला कऽ बाबू जी दरखास पेस कैल्कै जा कऽ थानामे!
आब हुन्कर दुनुक जोरी अमर रहतै ईतिहासके पानामे!!
घर सँ बाहर बहुत दुर ओ दुनु बहुत खुसी सँ रहैत हेतै!
सबटा दु:ख सुख एक दोसर सँगे बाईट ओ सहैत हेतै!!
हुन्का सभक चिन्ता जुनि करियौ यहाँ सब परिबार!
ओ सब मिटएबा मे लागल छै समाजक अत्याचार!!
अपना सभक समाजमे दहेज दऽकऽ बिबाह करैत छैक!
किछु दहेजक कमी कऽ कारने सँ बेटीक चाँप परैत छैक!!
आगि दहेजक देखियौ अपना समाजमे कोना पजैर रहल छै!
आ एहि आगिमे सबठाँ सबहक बेटी तरैप कऽ जरि रहल छै!!
बेटी होईत अछि जगके तारा और नीर गगनमे चमकैत अछी!
जाही परिबारमे बेटी अछी वो फुल स बेसी गमकैत अछि!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
दहेज लऽ भेलै बिबाह ओ बेटी आईगमे जैर गेलै!
हम प्रेम बिबाह केलौ कि समाजक ईजत सैर गेलै!!
आनहर हब अपन समाज अपन केकरो काबुमे नै!
फुटल डोल बनि पिट कहैअ फल्नाके बेटी उर हैर गेलै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
कहादुन ओ दुनु भाईग गेलैअ!
नै जानि ओ सब कोन सपना साईज गेलैअ!!
उमेर सँ छलै ओ मात्र चौदऽ बरख के !
कोना ओकरा जबानीमे आईग लाईग गेलैअ!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
ई हाबाबिहाईर कि करतै से कोई नै जानै छै!
देख करतुत हिन्क लोक सब बहुत कानै छै!!
बेर-बेर आईब लोकक त्रास बढा दैत छैक ई!
लोक करै लाख गोहरिया तैयो ई नै मानै छै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
जहिया सँ हमरा जिन्दगीमे वो आयल छै!
ओकरे दर्द सँ भरल दिल हमर घायल छै!!
अबै नै चैन हमरा दिन और नै राईत्मे!
रोज सपनामे खनकाबै वो पाअल छै!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
भागिक ओ बंस मे दाग लगा देलकै!
बाबू माईके बहुत बढका सजा देलकै!!
भा ग' सऽ पहिने सभ अपन लगैत छलै!
आब ओ त रिस्तेदारो केर दुर भगा देलकै!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
हमरा सँग दिल अहाँ लगाउन!
धङकनके आबाज अपन सुनाउन!!
प्रेमी छी अही केर हम प्रिय् !
बनि दुल्हिन हमरा घरमे आउन!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
बात नै क र चाहै छै ओकरा बोर लगै छै!
आन भेलै अपन आ जन्मदाता चोर लगै छै!!
अपने भुखले रैह क ओकर भुख मेटेलकै!
ओ माई बाप आई ओकरा कठोर लगै छै!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
रिमझिम बरसैअ पानी बहुत याद अबैअ!
नित दिन भिजैअ ओहो से समाद अबैअ!!
भिजल पानीमे मोन सँ धान रोपैत हेतै!
ओहो, राति सपनामे ओकर आवाज अबैए!!
#कता
✍️पँकज_कुमार_यदब
हे प्रभु ई तो कि केलहो!
सबके केहन सजाय देलहो!!
सब मरैछै बाढिक पलार सँ सगरो!
कोना क एहन कठोर भेलहो!!
#कता
✍️पँकज कुमार यादव
दहेज लेनाई भिख भऽ गेलै!
भाईग गेलै से निक भऽ गेलै!!
एकदोसर सँ बहुत प्रेम करै छलै!
समाजमे ई बात लिक भऽ गेलै!! |
गरिब नेपाल |
बिछोड |
।।गजल।।
पँकज_कुमार_यादब
शहिदनगर नगरपालिका-९(गोठकोयल्पुर).
१.अपने देशमे गरीब भुख सँ मरि रहल्छै!
बेरोजगार युवा मरूभुमीमे जरि रहल्छै!!
देशक नियम कानुन केहन छै से कि कहु!
बलत्कार भेल एक्गो बेटिक लास सैँर रहल्छै!!
देश स्वतन्त्र भगेल से हल्ला मात्रे सुनैत छी!
एहिठाम नेताक आँखिमे जन्ता गरि रहल्छै!!
कतेक जन्ता आन्दोलन कयलक सडक पर
मुदा अपने सरकार जन्ताक घररि रहल्छै!!l
केकरा उपर बिशवास करू भोट लेलक चुनिक!
सभ भोट जम्मा कऽ अपने घर भरि रहल्छै!!
२.कोरोना मे शहर सँ गेलै गाम जानू!
ओकरा बिनु सुनसान अहि ठाम जानू!!
याद ओ पल के अबैत हेतै ओकरा!
जपैत हेतै सदिखन हमर नाम जानू!!
कोना रहैत हेतै असगर हमरा विनु!
पिबैत हेतै हमर याद मे जाम जानू!!
छौरा अगती सभ लाईग परल हेतै!
भगबैत हेतै ओकरा दाहिन-बाम जानू!!
एतै कहिया हमर ईन्तजारमे ओत!
खाइत हेतै शुवह शाम बदाम जानू!!
३.हम जोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!
हम रोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
अहीँक प्रेममे डुबल रहि राईत दिन!
हम भोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
अहीँक खुसीक लेल बेच देलि यै खेत!
हम योगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
मधुर होट्क लल्का जे लाली रहे !
हम लोभी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!
लेकिन खुसी लगैय एगो बात के !
हम सहयोगी भऽ गेली अहीँक कारण स!!
४.धुम धाम सँ बाजा बजाक आईब प्रीया,
बरियाती सङ्ग नटुवा नचाक आईब प्रीया,
गरिब छी तै बात के कोनो चिन्ता नै करु,
सौसे देह गहना लगाक आईब प्रीया,
कनि और ईन्तजार करु हमर प्रीया,
सुहार राईत के घर सजाक आईब प्रीया,
आब हमरा सँ कोनो गल्ती नै हेत प्रीया,
कैल्हा गल्ती सब के बिसराक आईब प्रीया,
अदि एते कहलो पर बात नै मानव प्रीया,
त जबर जस्ती भगाक ल जाईब प्रीया!
५.अहीँके पएबाक आसमे!
मन उडै छल हमर आकासमे!!
समयक हावा एहन चललै !
हेरागेल नेह हमर बतासमे!!
घुरि नहि एलौं एखन्धरि!
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे!!
अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि!
शरीर बदलि गेल अछि लासमे!!
जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके!
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे!! |
गजल जोगि |
अन्य |
#गजल
हम जोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
हम रोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
अहीँक प्रेममे डुबल रहि राईत दिन
हम भोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
अहीँक खुसीक लेल बेच देलि यै खेत
हम योगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
मधुर होट्क लल्का जे लाली रहे
हम लोभी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
लेकिन खुसी लगैय एगो बात के
हम सहयोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ
@पँकज_कुमार_यादब
शहिदनगर नगरपालिका-9
गोठकोयल्पुर(धनुषा)
हाल:-दोहा/कतार(मरुभुमी). |
कता |
अन्य |
यु आकर के रुकी चेहरे गोरी के ओठ लाली पर
कैइ पंछी यहाँ बैठे हो जैसे एक डाली पर
कोई वादा नही करती मगर दावा ए करती हु
लिटाकर रंग लगाउङ्गी उसी के लाल सारी पर
@पँकज कुमार यादब |
होलि |
अन्य |
बुढबा होली पी क खेलै करै जुलुम-2
रँग लगाई बुढबा मन्बै हनिमुन-जोरिरा
आई काईलके बुढबाके लगै नै छै सरम-2
गुलाबी गाल देख भ जाईछै गरम-जोगिर
गोल गोल लडु पर बुढबा के धियान-2
मुहमे नै छै दात बुढबा करै जियान-जोगिरा
आई काईल के बुढबा के नियत छै खराप-2
पुआ नै खाई बुढबा पिबै छै शराब-जोगिरा
होलीमे बुढबा चलै छै ताईन छाती-2
टुटै नै छै आम बुढबा चटै छै आठी-जोगिरा
होलीमे उडै छै लाल गुलाल-2
डाली क रँग गोरी के कदेबै लाल-जोगिरा
एक दुनी दु रे भैया दु दु नी चाईर,फागुन के महिना उठै छै जुवाईर,आ छौरी के देख बुढबा धोती लेलक फाईर-जोगिरा
सब मिलि सुनियै फगुवाके तान -2
हमरा मिथिला मे छै होली महान-जोगिरा
उतरमे कबुतर बोले दक्षिन मे मोर-2आ
भौजी के बहिन भेलै होली मे लल्कोर-जोगिरा
कतर हम सब कमाई छी रियाल-2
चढल जवानी करैछी जियान-जिगिरा
गलीगलीमे मेयर साहेब करै छै पिचिङ्ग -2
होली मे करु गोरी के गिरिसिङ्ग-जोगिरा |
गजल |
बिछोड |
गजल
भगबान समैझि ओकरे हम फुल चढाबैत रही,
ओकरे ईसारा पर डेग अगाडि बढाबैत रही,
ओ पत्थर छलै से बात कोई कहलकै कहाँ,
पथरे के आगु सदिखन दिया जराबैत रही,
अपन स्वार्थ लेल ओ हमरा गुलाम बनाबैत गेलै,
बिशवासक सहारे कापीमे गुलाब पठाबैत गेलै,
हम जानी नै सकलौ ओकर असली रुप गलती
हमरे रहै,
ते त ओ कखनो लक्ष्मी,कखनो स्वरस्वती बनि
दिल तरपाबैत गेलै,
एखन सोचैछी ओकर रुप मन बहैक जाईय,
हमर भितरी करेजा कुहैक जाईय,
आब भेटती कि नै अई जिनगीमे फेर सँ,
ईहे सोईच सोईच आत्मा तरैप जाईय,
@पँकज_कुमार_यादब
शहिदनगर नगरपालिका-9
गोठकोयल्पुर(धनुषा)
हाल-दोहा/कतार |
गजल |
माया / प्रेम |
गजल
अहीँके पएबाक आसमे
मन उडै छल हमर आकासमे
समयक हावा एहन चललै
हेरागेल नेह हमर बतासमे
घुरि नहि एलौं एखन्धरि
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे
अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि
शरीर बदलि गेल अछि लासमे
जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे
@पंकज_ कुमार _यादव
शहिदनगर नगरपालिका-9
गोठकोयल्पुर(धनुषा)नेपाल
हाल-दोहा कतार |
कता |
माया / प्रेम |
#कता
प्रेम करैत रही बार बजे राईत मे
भैया ओकर सुईन लेलक सुसुवाईत मे!!
मारैत मारैत कुरता पूरा फाईर देलक
प्रेम के चढल सभ नशा उताईर देलक!!
@पँकज कुमार यादब |
कता |
माया / प्रेम |
कता
हम पत्थर पत्थरमे आहाँक नाम लिख क आईल छी
अहाँक सँग हमर नाम खुले आम लिख क आईल छी
अहाँ कहै छलियै हमर जोरी रामसिताके जेहन लगैछै
ताहिँ सँ छाती भितर मे श्री राम लिख क आईल छी
@पँकज_कुमार_यादव |
कता |
बिछोड |
#कता
पानी नै ई शराब छै हमरो पिअ दिअ
प्रेम के नसा चढाक हमरो जिअ दिअ!!
जिनगी के मज्जा खाली उहे सब लुटतै
बिदेशियो सब के कनि मजा लिय दिअ!!
@पँकज कुमार यादब |
कता |
माया / प्रेम |
#कता
जीवन जिनाई आसान नै होई छै
बिना संघर्ष के कोई माहान नै होई छै !!
जब तक नै लगै छै हथौरी के चोट
पाथरो सहजे भगवान नै होइछै!!
@पँकज कुमार यादब |
कता |
अन्य |
#कता
चक्कु चलबैछी हम धिरे धिरे
खैनी कटै छी हम धिरे धिरे
आ आ रे खैनी चुनौटी मे जो,ठोरमे धरैछी हम धीरे धीरे
@पँकज कुमार यादब |
कता |
अन्य |
#कता
अहाँके रुप देख पृया मुहक आबाज हरागेल
कहिँ नै सकलौ हमर ठोर हिल क ठरागेल
रहिगेल खाली मोनक कागज जे सँंग रहे
हम लिख चाहली किछु प्रेम मुदा हाथ घरागेल,
@पँकज कुमार यादब |
कता |
अन्य |
#कता
मोटकी फसलै मोटका के जाल मे
चुम्मा लेने छलै मोटकी के गाल मे
प्रेममे पागल रहै परहै कोलेज मे
पेट मे बच्चा भेलै सोल्हे साल मे।
@पँकज कुमार यादब |
कता |
अन्य |
#कता
मोन होईअ हमरा चैल जैती आब घर
हमरा कनियाँ के राईतमे उठै छै लहर
फोन करैअ सँगिता हमरा उठैअ लहर
अकरा ल क चैल जैती जन्कपुर शहर।
@पँकज कुमार यादब |