Pankaj Kumar Yadav

गरिब नेपाल


।।गजल।।
पँकज_कुमार_यादब
शहिदनगर नगरपालिका-९(गोठकोयल्पुर).

१.अपने देशमे गरीब भुख सँ मरि रहल्छै!
बेरोजगार युवा मरूभुमीमे जरि रहल्छै!!

देशक नियम कानुन केहन छै से कि कहु!
बलत्कार भेल एक्गो बेटिक लास सैँर रहल्छै!!

देश स्वतन्त्र भगेल से हल्ला मात्रे सुनैत छी!
एहिठाम नेताक आँखिमे जन्ता गरि रहल्छै!!

कतेक जन्ता आन्दोलन कयलक सडक पर
मुदा अपने सरकार जन्ताक घररि रहल्छै!!l

केकरा उपर बिशवास करू भोट लेलक चुनिक!
सभ भोट जम्मा कऽ अपने घर भरि रहल्छै!!

२.कोरोना मे शहर सँ गेलै गाम जानू!
ओकरा बिनु सुनसान अहि ठाम जानू!!

याद ओ पल के अबैत हेतै ओकरा!
जपैत हेतै सदिखन हमर नाम जानू!!

कोना रहैत हेतै असगर हमरा विनु!
पिबैत हेतै हमर याद मे जाम जानू!!

छौरा अगती सभ लाईग परल हेतै!
भगबैत हेतै ओकरा दाहिन-बाम जानू!!

एतै कहिया हमर ईन्तजारमे ओत!
खाइत हेतै शुवह शाम बदाम जानू!!

३.हम जोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!
हम रोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!

अहीँक प्रेममे डुबल रहि राईत दिन!
हम भोगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!

अहीँक खुसीक लेल बेच देलि यै खेत!
हम योगी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!

मधुर होट्क लल्का जे लाली रहे !
हम लोभी भऽ गेली अहीँक कारण सँ!!

लेकिन खुसी लगैय एगो बात के !
हम सहयोगी भऽ गेली अहीँक कारण स!!

४.धुम धाम सँ बाजा बजाक आईब प्रीया,
बरियाती सङ्ग नटुवा नचाक आईब प्रीया,

गरिब छी तै बात के कोनो चिन्ता नै करु,
सौसे देह  गहना लगाक आईब प्रीया,

कनि और ईन्तजार करु हमर प्रीया,
सुहार राईत के घर सजाक आईब प्रीया,

आब हमरा सँ कोनो गल्ती नै हेत प्रीया,
कैल्हा गल्ती सब के बिसराक आईब प्रीया,

अदि एते कहलो पर बात नै मानव प्रीया,
त जबर जस्ती भगाक  ल जाईब प्रीया!

५.अहीँके पएबाक आसमे!
मन उडै छल हमर आकासमे!!

समयक हावा एहन चललै !
हेरागेल नेह हमर बतासमे!!

घुरि नहि एलौं एखन्धरि!
हम खोजैछी एखनो अपन सासमे!!

अहीँक प्रेममे मन हराएल अछि!
शरीर बदलि गेल अछि लासमे!!

जऽ याद आएब हम कहियो अहाँके!
हमरा खोजिलेब एहि खुल्ला आकासमे!!

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